आख़िर राजधानी रायपुर में भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में बच्ची की जांच की गई.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा है कि वे इस मामले की जांच कराएंगे.
घटना राजधानी रायपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर बालोद ज़िले के एक गांव की है.
बुधवार की सुबह बालोद ज़िला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर इस गांव में एक तीन साल की छोटी बच्ची अपने बड़े भाई के साथ साइकिल की मरम्मत कराने गई थी.
आरोप है कि साइकिल बनाने वाले 25 साल के दीनबंधु नेताम बच्ची के भाई के चले जाने के बाद उसे अपने घर लाए और दुष्कर्म किया.
अस्पतालों का इनकार
गांव वालों ने अभियुक्त को पकड़ा और पिटाई के बाद पुलिस के हवाले कर दिया.
डौंडी लोहारा के थाना प्रभारी एनपी चंद्राकर ने बीबीसी को बताया, “हालात को देखते हुये हमने दुष्कर्म के लिए धारा 376 और बाल संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और बच्ची को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए एक महिला आरक्षक के साथ डौंडी लोहारा अस्पताल भेजा.”
डौंडी लोहारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला चिकित्सक के नहीं होने के कारण पीड़ित बच्ची को बालोद ज़िला मुख्यालय भेज दिया गया.
पीड़ित बच्ची के पिता का कहना है कि बालोद ज़िला अस्पताल में उनसे कहा गया कि महिला चिकित्सक मातृत्व अवकाश पर हैं, इसलिए बच्ची का मेडिकल नहीं हो सकता.
बालोद ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एनएल साहू ने बीबीसी से कहा, “हमारे यहां महिला चिकित्सक नहीं थी. ऐसे में हम बच्ची का परीक्षण कैसे कर सकते थे? इसलिए हमने सुझाव दिया कि बच्ची को पहले गुंडरदेही स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाए, वहीं से चिकित्सक उसे कहीं और रेफर करेंगे.”
'प्रशिक्षित नहीं'
बच्ची के पिता बच्ची को ज़िला अस्पताल से लेकर गुंडरदेही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. वहां उपस्थित महिला चिकित्सक ने यह कहते हुए बच्ची का परीक्षण और इलाज करने से मना कर दिया कि बच्ची बेहद छोटी है और वे इस काम के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं.
गुंडरदेही अस्पताल से बच्ची को पड़ोस के दुर्ग ज़िला अस्पताल रेफ़र कर दिया गया.
बच्ची के पिता का कहना है कि वे सिपाही के साथ जब दुर्ग ज़िला अस्पताल पहुंचे तो वहां यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिया गया कि बच्ची को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सीधे दूसरे ज़िले के अस्पताल में रेफ़र नहीं किया जा सकता. इसके लिए विधिवत पहले बालोद ज़िला अस्पताल से बच्ची को रेफ़र किया जाना चाहिए था.
दुर्ग ज़िला अस्पताल के चिकित्सकों के सुझाव के बाद बच्ची के पिता ने अपनी बेटी को रायपुर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में पहुंचा.
जहां बड़ी मिन्नतों और सवाल-जवाब के बाद बच्ची को भर्ती किया गया.
'जो हुआ वो रेप से बढ़कर'
बच्ची के पिता ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “सुबह 8 बजे से हम घर से निकले थे और भूखे-प्यासे पूरे दिन अपनी बच्ची को गोद में लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे. रात के आठ बज गए और मेरे पेट में अन्न का एक दाना तक नहीं गया. भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए. बच्ची के साथ रेप के बाद जांच के नाम पर जो हुआ है, वह रेप से बढ़ कर है.”
अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल कह रहे हैं कि वो पूरे मामले की जांच करा रहे हैं.
अमर अग्रवाल ने बीबीसी से कहा, “हमने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं कि किन परिस्थितियों में बच्ची का मेडिकल टेस्ट नहीं हो पाया. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
वहीं इलाके की विधायक और राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री रमशीला साहू को पूरे मामले की कोई ख़बर नहीं है. उन्होंने कहा, “अगर ऐसा कुछ हुआ है तो यह बहुत शर्मनाक है. मैं इसका पता लगवाती हूं और इसमें कड़ी कार्रवाई करूंगी.”
International News inextlive from World News Desk