ऐसी रिपोर्टें हैं कि राजधानी बग़दाद के व्यावसायिक इलाक़ों में कम से कम छह धमाके हुए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ ज़्यादातर धमाके शिया ज़िले में हुए, लेकिन पड़ोस के एक सुन्नी मुस्लिम बहुल इलाक़े में भी धमाका हुआ है.
इनमें से दो धमाके हुसैनिया ज़िले के दौरा में हुए, जहाँ पार्किंग में खड़ी एक कार में ज़बरदस्त धमाका हुआ.
अभी तक किसी भी गुट ने इन धमाकों की ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
हाल के महीनों में इराक़ में जातीय हिंसा में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है. इस साल ही क़रीब छह हज़ार लोगों की जान गई है.
हिंसा
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़ इस साल सितंबर में ही क़रीब एक हज़ार लोग मारे गए.
आशंका जताई जा रही है कि वर्ष 2008 के बाद पहली बार जातीय हिंसा में इतनी तेज़ी देखी गई है.
इराक़ में होनी वाली ज़्यादातर हिंसा की घटनाओं के लिए अल क़ायदा इन इराक़ (एक्यूआई) से जुड़े सुन्नी चरमपंथी गुट को ज़िम्मेदार ठहराया जाता हैय
पिछले दो महीनों में इराक़ी सुरक्षाकर्मियों ने कथित रूप से सैकड़ों अल क़ायदा सदस्यों को गिरफ़्तार किया है.
लेकिन ज़्यादातर सुन्नी बहुल ज़िलों में हुई कार्रवाई के कारण सुन्नी समुदाय नाराज़ है और इससे हिंसा पर लगाम नहीं लग पाई है.
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