ये हादसा डरबन के उत्तर में स्थिति शहर टोंगाट में हुआ. बचाव दल लोगों को मलबे के नीचे से निकालने में जुटे हैं.
राहत और बचाव दलों का कहना है कि अब तक तीस लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा चुका है जिनमें से कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं.
मलबे में दबने वाले ज्यादातर वहां काम करने वाले मजदूर बताए गए हैं.
बचाव दल मलबे से लोगों को जीवित निकालने के लिए खोजी कुत्तों का सहारा ले रहे है जबकि मलबे को हटाने के लिए क्रेनों का इस्तेमाल हो रहा है.
'बचाव कार्य कठिन'
राहत और बचाव कार्य में जुटे संगठन क्राइसिस मेडिकल के निदेशक नील पॉवेल ने बीबीसी को बताया, “रात होने की वजह से राहत का कार्य बेहद कठिन हो रहा है.”
उनके अनुसार, “अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है. अब भी 40 लोग मलबे में दबे हुए हैं.”
वहीं घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अलग आंकड़े बताती है. उसके अनुसार एक व्यक्ति की अभी तक मौत हुई है जबकि 29 घायल हैं और 50 लोग मलबे में दबे हैं.
पुलिस प्रवक्ता मैंडी गोवेंडर ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, “ये इमारत एक निर्माणाधीन मॉल की थी. मलबे में दबे ज्यादातर लोग वहां काम करने वाले मज़दूर हैं.”
ये दुर्घटना स्थानीय समय के अनुसार शाम साढ़े चार बजे हुई और उस वक्त वहां लगभग 100 मजदूर काम कर रहे थे.
अधिकारियों के अनुसार जहां ये मॉल बन रहा है, वो जगह इस छोटे से शहर के बीचों बीच हैं. उसके पास ही में अस्पताल और रेलवे स्टेशन हैं.
निजी एंबुलेंस कंपनी नेटकेयर911 से जुड़े क्रिस बोथा मानते हैं कि ये कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि छत के गिरने की क्या वजह रही. उनके अनुसार ये छत एक रग्बी के मैदान जितनी बड़ी थी.
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