कानपुर। भारत आज 47वां विजय दिवस मना रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ 1971 का युद्ध भारत ने आज ही के दिन जीता था। इसके अलावा दुनिया के नक्शे पर एक अलग राष्ट्र का उदय भी हुआ था। वहीं यह दिन भारत की सैन्य ताकत का भी अहसास कराता है क्योंकि इसी दिन पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था। मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में भारत को हार मिली थी लेकिन उसने तेजी से अपने को ताकतवर बनाया।
भारत की सैन्य ताकत काफी तेजी से विकसित हुई
हालांकि नाै सालों मेें भारतीय सेना 1971 तक तेजी से विकसित और मजबूत हुई। 1962 की लड़ाई में भारतीय वायु सेना का भी उपयोग नहीं किया गया था लेकिन 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भारत ने इसका इस्तेमाल किया था। इतना ही नहीं 1971 पहली बार भारतीय नौसेना को भी युद्ध में तैनात किया था। वायुसेना और नाैसेना ने पाकिस्तान के साथ हुए इस युद्ध में विशेष भूमिका निभाई थी। इस युद्ध के बाद यह सेना भी भारत की अभिन्न सेना बन गई थी।
पाक सेना के जुल्म के खिलाफ खड़ा हुआ भारत
आजादी के बाद पूर्वी पाकिस्तान में पाक सेना का जुल्म थमने का नाम नहीं ले रहा था। बांग्लाभाषियों पर अत्याचार और उनका दमन पूर्वी पाकिस्तान में लगातार किया जा रहा था। जब यहां के लोगों ने अावाज उठाई तो पाक सेना इसे दबाने में पीछे नहीं थी। वहीं पड़ोसी देश भारत ने भी इसे रोकने के लिए भरसक प्रयास किया लेकिन पाकिस्तान की सेना का कहर जारी रहा। ऐसे में 3 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना के बीच युद्ध की शुरुआत हो गई।
90,000 सैनिकाें संग पाक जनरल ने किया आत्मसमर्पण
इस दौरान भारतीय सेना ने शानदार प्रदर्शन किया। 13 की चली इस लड़ाई में पाक सेना को मुंह की खानी पड़ी। 16 दिसंबर,1971 को पाकिस्तानी जनरल एएके नियाजी ने अपने 90,000 सैनिकाें के साथ भारत और मुक्ति बहिनी के समक्ष ढाका में आत्मसमर्पण कर दिया। भारतीय सैनिकों ने उऩ्हें घेर लिया। इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो इस युद्ध में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण के बाद बांग्लादेश का उदय हुआ। पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा बांग्लादेश के रूप में जाना जाने लगा।16 दिसंबर के ही दिन 1971 में भारत ने जीता पाकिस्तान से युद्ध, हुआ बांग्लादेश बनने का ऐलान
National News inextlive from India News Desk