आइए जानते हैं कि विमान के लापता होने के बाद से इसके दुर्घटनाग्रस्त होने की घोषणा तक कब क्या क्या हुआ-
8 मार्च: मलेशिया एयरलाइंस के एमएच 370 विमान ने स्थानीय समयानुसार सुबह 12.41 बजे कुआलालम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी. विमान में 227 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य सवार थे. सह-पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को 1.19 बजे संदेश दिया- ''ऑल राइट, गुड नाइट.''
सैन्य रडार पर इस विमान को आख़िरी बार सुबह 2.14 बजे देखा गया. विमान तब मलक्का की खाड़ी में पश्चिम की ओर बढ़ रहा था. इसके आधे घंटे बाद मलेशिया एयरलाइंस ने कहा कि विमान से संपर्क टूट गया है. विमान को बीजिंग में सुबह 6.30 बजे के आसपास उतरना था.
अधिकारियों ने बताया कि विमान में दो ऐसे भी यात्री सवार हुए हैं जिनके पास चोरी किए हुए पासपोर्ट हैं. इससे संदेह पैदा हुआ कि विमान के लापता होने के पीछे चरमपंथियों का हाथ हो सकता है.
9 मार्च: मलेशिया के वायु सेना प्रमुख ने कहा- सैन्य रडार से संकेत मिला है कि लापता बोइंग 777 जेट विमान संभवत: कुआलालम्पुर की ओर वापस आया होगा.
10 मार्च: वियतनाम के एक खोजी विमान को समुद्र में कुछ मलबा नज़र आया लेकिन कुछ नहीं मिला.
11 मार्च: लापता विमान की तलाश का दायरा 115 नॉटिकल मील तक बढ़ाया गया. कई देशों के कुल 34 विमान और 40 जहाज़, लापता विमान की तलाश में जुटे.
मलेशिया की सेना ने रडार संकेतों के आधार पर दावा किया कि लापता विमान रास्ता बदलकर मलक्का खाड़ी की ओर गया. माना गया कि विमान बहुत नीचे उड़ रहा था.
मलेशिया पुलिस ने जानकारी दी कि चोरी के पासपोर्ट के ज़रिए इस विमान में सवार हुये दो पुरुष यात्री ईरान के नागरिक हैं जिन्होंने यूरोप के टिकट ख़रीदे थे जो संभवत: चरमपंथी नहीं हैं.
12 मार्च: चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने ख़बर दी- चीन के उपग्रह से मिली तस्वीरों से पता चला कि लापता विमान का संदिग्ध मलबा वियतनाम के दक्षिणी छोर में समुद्र में तैरता हुआ नज़र आया है.
13 मार्च: मलेशिया के अधिकारियों ने लापता विमान का दायरा अंडमान सागर और आगे तक बढ़ाया. लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला. बाद में चीन के दूतावास की ओर से कहा गया कि तस्वीरें ग़लती से जारी कर दी गई थीं और इनमें लापता विमान का कहीं कोई मलबा नज़र नहीं आया है.
15 मार्च: मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने कहा कि लापता विमान का रास्ता जान-बूझकर बदला गया था और रडार से संपर्क टूटने के छह घंटे बाद तक ये विमान उड़ान भर था. कहा गया कि ये विमान कज़ाकिस्तान या हिंद महासागर में दक्षिण की ओर भी जा सकता है.
16 मार्च: लापता विमान की तलाश का दायरा 11 मुल्कों तक बढ़ाया गया. विमान की तलाश में जुटे देशों की संख्या 14 से बढ़कर 25 हो गई.
17 मार्च: अधिकारियों ने कहा कि लापता विमान की संचार प्रणाली को बंद किया गया था. जांचकर्ताओं ने विमान अपहरण या पायलट द्वारा आत्महत्या किये जाने की आशंका से इनकार नहीं किया और कहा कि वे इस विमान में सभी लोगों की पृष्ठभूमि की जांच कर रहे हैं.
18 मार्च: थाईलैंड की सेना ने कहा कि उसे अपनी रडार पर कुछ ऐसा नज़र आया था जो हो सकता है कि लापता हुआ विमान रहा हो.
19 मार्च: लापता विमान के बारे में सूचना के अभाव की बात कहकर विमान में सवार यात्रियों के परिजनों ने भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी.
20 मार्च: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने कहा- दक्षिणी हिंद महासागर में कुछ ऐसा नज़र आया है जिसका संबंध लापता विमान से हो सकता है. सेना के चार विमानों को तलाश में भेजा गया. मलेशिया के परिवहन मंत्री ने इसे 'महत्वपूर्ण सुराग' बताया.
21 मार्च: चीन ने दक्षिणी हिंद महासागर में लापता विमान की तलाश के लिये अपने तीन जंगी जहाज़ों को भेजने की घोषणा की.
22 मार्च: मलेशिया के परिवहन मंत्री ने कहा कि चीन के उपग्रह को दक्षिणी हिंद महासागर में मलबे जैसा कुछ नज़र आया है जिसकी तलाश शुरू की गई.
23 मार्च: दक्षिणी हिंद महासागर में कई विमान और जहाज़ लकड़ी के पट्टे और मलबे की तलाश में जुटे. सूचना की कमी की शिकायत के साथ, लापता विमान में सवार यात्रियों के परिजनों में रोष बढ़ा. फ्रांस ने कहा कि उसके उपग्रह से मिली तस्वीरों से सुदूर दक्षिणी हिंद महासागर में कुछ मलबा दिखाई दिया है.
24 मार्च: चीन और ऑस्ट्रेलिया के विमानों को इलाके में कई चीज़ें नज़र आईं. मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रज़ाक ने यूके एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टीगेशन ब्रांच और ट्रेकिंग फर्म इनमारसेट के हवाले से कहा कि लापता विमान का सफ़र दक्षिणी हिंद महासागर में ख़त्म हुआ.
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