माउंट सिनाबुंग ज्वालामुखी शनिवार सुबह से ही धधक रहा है जिसकी राख और पत्थर इसके दायरे में आने वाले दो किलोमीटर के क्षेत्र में बरस रहे हैं.
आपात अधिकारी सुटोपो पुरवो नुगरोहो का कहना है कि मारे गए लोगों में चार स्कूली बच्चे और एक शिक्षक भी शामिल हैं.
माउंट सिनाबुंग ज्वालामुखी बीते तीन साल से सुप्त था. लेकिन बीते साल सितम्बर में इसके सक्रिय होने के बाद आसपास के गांवों से हज़ारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था.
लेकिन इसी शुक्रवार कुछ लोगों को अपने घर लौटने की अनुमति मिल गई थी.
अधिकारियों को आशंका है कि ज्वालामुखी की वजह से हताहत हुए लोगों की संख्या बढ़ सकती है. लेकिन ज्वालामुखी की तपिश इतनी अधिक है कि वह इसके अधिक नज़दीक नहीं जा पा रहे हैं.
घटनास्थल की कुछ तस्वीरों से पता चला है कि राहतकर्मी लाशों को निकाल रहे हैं जो दरअसल राख के नीच दब चुकी हैं.
इससे पहले जब साल 2010 में यह ज्वालामुखी सक्रिय हुआ था, तब कम से कम दो लोग मारे गए थे और इसकी वजह से 30,000 लोगों को अपना घरबार छोड़कर कहीं ओर जाना पड़ा था.
साल 2010 से पहले माउंट सिनाबुंग में 400 वर्षों तक कोई हलचल नहीं हुई थी
माउंट सिनाबुंग, इंडोनेशिया में सक्रिय 130 ज्वालामुखियों में से एक है.
विशेषज्ञों का कहना है कि माउंट सिनाबुंग को कम सक्रिय ज्वालामुखी समझा जाता रहा है, इसकी वजह से अब इसकी सक्रियता के बारे में कोई अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है.
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