अमृतसर (आईएएनएस)। 1,303 भारतीय सिख तीर्थयात्री मंगलवार को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के मौके पर आयोजित हुए समारोहों में भाग लेने के लिए अटारी सीमा के माध्यम से पाकिस्तान के लिए रवाना हुए। इस तीर्थयात्रा का आयोजन श्रीओमनी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा किया गया है, यह संस्था भारत में सिख तीर्थों का प्रबंधन करती है। बता दें कि 14 नवंबर को तीर्थयात्रा का समापन होगा। तीर्थयात्री पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव के जन्म स्थान नानकाना साहिब, हसनबाडल शहर में पंजा साहिब और करतारपुर साहिब सहित सिख गुरुद्वारा में जाएंगे।
9 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन
माना जाता है कि 16वीं शताब्दी में गुरु नानक का निधन भारत की सीमा से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर गुरुद्वारा में ही हुआ था। इसे 4।2 किलोमीटर लंबे करतारपुर साहिब कॉरिडोर से जोड़ा जाने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और 12 नवंबर को होने वाली गुरु देव की 550 वीं जयंती समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले पहले तीर्थयात्रियों को रवाना करेंगे।
तीर्थयात्रियों को नहीं होगी पासपोर्ट की जरूरत
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को घोषणा की कि भारत के सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी और 9 नवंबर को कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन उनसे कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। खान ने ट्वीट किया, 'भारत से करतारपुर की तीर्थयात्रा आने वाले सिखों के लिए मैंने दो आवश्यकताओं में रियायत दी है। पहला-उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, उनके पास बस एक वैध आईडी होनी चाहिए। दूसरा-उन्हें अब 10 दिन पहले पंजीकरण नहीं करना होगा। साथ ही, उद्घाटन के दिन और गुरुजी के 550वें जन्मदिन पर उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।'
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