वाशिंगटन (एएफपी)। अमेरिका ने अब स्वीकार किया है कि इराक में उसके दो सैन्य ठिकानों पर आठ जनवरी को ईरान के मिसाइल हमले में 11 सैनिक घायल हुए थे। इस हमले के बाद ट्रंप ने अपने बयान में कहा था कि ईरानी हमले में कोई अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ है, केवल सैन्य बेस को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। ईरान ने अपने शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए दो अमेरिकी सैन्य बेस पर करीब 22 मिसाइलें दागी थीं। सुलेमानी की तीन जनवरी को इराक की राजधानी बगदाद के एयरपोर्ट के पास अमेरिकी सेना के ड्रोन हमले में मौत हो गई थी।

बेस में मौजूद थे 1500 सैनिक

अमेरिकी मध्य कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने गुरुवार को कहा, 'आठ जनवरी को ईरानी हमले में किसी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई थी लेकिन अल-असद एयर बेस पर धमाके के चलते कुछ लोग घायल हुए थे, जिनका अब भी इलाज चल रहा है।' इससे पहले अमेरिकी सेना ने भी बताया था कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ, सिर्फ बेस को थोड़ा नुकसान पहुंचा है। बता दें कि जब मिसाइल हमला हुआ, तब बेस में करीब 1500 अमेरिकी सैनिक मौजूद थे। हमले की पूर्व चेतावनी के चलते उन्हें बंकरों में पहुंचा दिया गया था।

इराक का खुलासा, अमेरिकी ठिकानों पर मिसाइल दागने से पहले ईरान ने दी थी जानकारी

जर्मनी और कुवैत भेजे गए हैं घायल सैनिक

ईरानी हमले के करीब दस दिन बाद अर्बन ने बताया कि अल-असद एयर बेस में घायल हुए आठ सैनिकों को जर्मनी के लैंडस्टूल रीजनल मेडिकल सेंटर और तीन को कुवैत के आरिफजन कैंप में भेजा गया है। बता दें कि ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागने के बाद दावा किया था कि इन हमलों में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए।

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