इच्छा से स्वीकारा मौत
बर्न (आइएएनएस)। प्रो-यूथनेसिया समूह एक्जिट इंटरनेशनल के एक प्रतिनिधि ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के 104 साल के वैज्ञानिक गुडाल ने गुरुवार को अपनी इच्छा से स्विट्जरलैंड में मौत को गले लगा लिया। ऑस्ट्रेलिया के एबीसी न्यूज के मुताबिक, गुडाल ने बासेल के लाइफ साइकल क्लीनिक में शांतिपूर्वक अपने जीवन को समाप्त कर लिया। एक्जिट इंटरनेशनल ने बताया कि गुडाल का निधन संगीतकार बीथोवेन की एक धुन ‘ऑड टू जॉय’ को सुनने के दौरान हुआ। बता दें कि प्राण त्यागने से पहले उन्होंने सभी परिजनों, दोस्तों और साथ काम कर चुके साथियों के साथ सुनहरा पल बिताया।
अपने देश में मरने की इच्छा
स्विट्जरलैंड जाने से पहले गुडाल ने एबीसी को बताया कि वह असल में अपने देश में ही आखिरी सांसे लेना चाहते थे, लेकिन वहां इसके लिए अनुमति नहीं थी, इसीलिए उन्हें इच्छा मृत्यु के लिए स्विट्जरलैंड जाना पड़ा। इस पर उन्होंने काफी नाराजगी भी जताई। गौरतलब है कि दुनिया के अधिकांश देशों में इच्छामृत्यु गैरकानूनी है। आस्ट्रेलिया के विक्टोरिया प्रांत में पिछले साल इसे वैधानिक बनाने तक यह प्रतिबंधित था। लेकिन वहां का कानून जून 2019 से इसे लागू कर देगा। इसके अलावा केवल वैसे व्यक्ति को इसकी इजाजत होगी, जिसे असाध्य रोग हो और जिसकी जिंदगी छह महीने से कम हो।
जीने की इच्छा समाप्त
बता दें कि मशहूर पर्यावरणविद् और वनस्पति विज्ञानी डेविड गुडाल को कोई गंभीर बिमारी नहीं थी, यही कारण था कि उन्हें उनके देश में इच्छा मृत्यु की इजाजत नहीं मिली। मीडिया द्वारा जब गुडाल से उनकी इच्छा मृत्यु का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उनकी जीने की इच्छा समाप्त हो गई थी। गौरतलब है कि गुडाल का जन्म 1914 में हुआ था। गुडाल, पर्थ के एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी में मानद रिसर्च एसोसिएट थे। उन्होंने अपने जीवन में दर्जनों शोध कार्य किए।
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