घर वापस जाने की ख्वाहिश
इधर, राका में आइएस लड़ाकों ने बताया कि संगठन ने ड्यूटी के लिए रिपोर्ट नहीं करने वाले विदेशी लड़ाकों पर शिकंजा कसने के लिए मिलिट्री पुलिस का गठन किया है. दर्जनों घरों पर छापेमारी कर कई लड़ाकों को गिरफ्तार किया गया है. अक्टूबर में ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया था कि ब्रिटेन के पांच, फ्रांस के तीन, जर्मनी के दो और बेल्जियम के दो नागरिक घर लौटना चाहते हैं, जिन्हें आइएस ने कैद कर लिया. किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के ‘कट्टरता पर अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र’ के अनुसार तीस से 50 ब्रिटिश घर लौटना चाहते हैं लेकिन उन्हें गिरफ्तार किए जाने का डर है.
फंड के लिए मानव अंगों की तस्करी
आइएस फंड जुटाने के लिए भी नए-नए तरीके अपना रहा है. अल मॉनिटर वेबसाइट के अनुसार आइएस बंधकों और मारे गए अपने सैनिकों के अंगों की तस्करी कर रहा है. शरीर से अंगों को निकालने के लिए बकायदा विदेशी विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए हैं. मानव अंगों की तस्करी का सऊदी अरब सबसे बड़ा बाजार है. आइएस उत्तरी इराक स्थित कई ईसाई मठों और चचरे पर कब्जा कर चुका है. ये मठ और चर्च सैकड़ों साल पुराने हैं और इनमें मौजूद कलाकृतियां अमूल्य हैं.
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