बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह दूसरी टेस्ट जीत है। इससे पहले भारत ने साल 2010 में कंगारुओं को सात विकेट से मात दी थी।
200 से कम रनों के लक्ष्य में 75 रनों की जीत किसी टीम की तीसरी सर्वश्रेष्ठ जीत है। इससे पहले वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के खिलाफ 147 रन और ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 89 रन से जीत दर्ज की थी।
11 रनों पर ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी छह विकेट गंवाए। भारत के खिलाफ यह उनका संयुक्त रूप से दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन है। पहले टेस्ट की पहली पारी में भारत ने भी 11 रन पर आखिरी सात विकेट गंवाए थे।
04 गेंदबाजों लियोन, जडेजा, हेजलवुड और रविचंद्रन अश्विन ने इस मैच की चार पारियों में छह या उससे यादा विकेट लिए।
115 साल पहले आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एमसीजी में 1902 में किसी टेस्ट मैच की चारों पारियों में गेंदबाजों ने छह-छह विकेट चटकाए थे। उससे पहले 1896 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच ओवल में ऐसा हुआ था।
92 रनों पर आउट होने वाले पुजारा पहली बार नर्वस नाइंटी के फेर में फंसे। इससे पहले वह 10 बार 90 के स्कोर तक पहुंचे थे और उन्होंने हर बार शतक पूरा किया था।
1979 में आखिरी बार किसी तेज कंगारू गेंदबाज ने भारत में बेहतर प्रदर्शन किया था। तब ज्यॉफ डाइमॉक 67 रन देकर 7 विकेट लिए थे। इस मैच में जोश हेजलवुड ने 65 रन देकर 6 विकेट लिए और अपने करियर का बेस्ट प्रदर्शन किया।
25वीं बार अश्विन ने पारी में पांच या इससे ज्यादा विकेट लिए। उन्होंने हरभजन सिंह की बराबरी की। भारतीय गेंदबाजों में उनसे आगे केवल अनिल कुंबले (35 बार) हैं।
269 टेस्ट विकेट लेकर अश्विन ने बिशन सिंह बेदी (266 विकेट) को पीछे छोड़ा। अब अश्विन सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में पांचवें भारतीय गेंदबाज हैं।
5वीं बार भारत ने 188 या इससे कम के स्कोर की रक्षा करने में सफलता हासिल की। इसमें से तीन बार तो उसने ऑस्ट्रेलिया को ही हराया है।
Cricket News inextlive from Cricket News Desk
Cricket News inextlive from Cricket News Desk