Godaan, Author: Munshi Prem chand
गोदान, मुंशी प्रेमचन्द का आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 1936 में प्रकाशित हुए इस उपन्यास में भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है। गोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है। इसके नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं, ऐसी संस्कृति जो अब खत्म हो रही है या हो जाने को है। इसमें ग्रामीण समाज के अलावा शहरी समाज और उनकी समस्याओं का बहुत मार्मिक चित्रण है। इसका अनुवाद भारतीय भाषाओं के साथ कई विदेशी भाषाओं में भी हुआ। इन रचनाओं में उन्होंने जो समस्याएं उठाईं तथा स्त्री-पुरूषों के चरित्र खींचे, वे आज भी उतने ही सार्थक हैं जैसे वे अपने समय थे और भविष्य में बने रहेंगे।
Raag Darbari, Author: Sri Lal Shukla
राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता को सहजता और निर्ममता से दिखाता है। शुरू से आखिरी तक इतने निस्संग और सोद्देश्य व्यंग्य के साथ लिखा गया हिंदी का शायद यह पहला वृहत् उपन्यास है। फिर भी राग दरबारी व्यंग्य-कथा नहीं है। इसका संबंध एक बड़े नगर से कुछ दूर बसे हुए गांव की जिंदगी से है, जो वर्षों की प्रगति और विकास के नारों के बावजूद निहित स्वार्थों की वजह से घिसट रही है। यह उसी जिंदगी का दस्तावेज है। 1968 में राग दरबारी का प्रकाशन एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक घटना थी। इसे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। और 1986 में एक दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में इसे लाखों दर्शकों की सराहना प्राप्त हुई। राग दरबारी हिंदी के कुछ कालजयी उपन्यासों में से एक है।
Madhushala, Author: Harivansh Rai Bachchan
अग्रणी कवि बच्चन की कविता का आरंभ तीसरे दशक के मध्य 'मधु' अथवा मदिरा के इर्द-गिर्द हुआ और 'मधुशाला' से आरंभ होकर 'मधुबाला' और 'मधुकलश' एक-एक वर्ष के अंतर से प्रकाशित हुए। मधुशाला ने तो धूम ही मचा दी। यह दरअसल हिन्दी साहित्य की आत्मा का ही अंग बन गई है और कालजयी रचनाओं की श्रेणी में खड़ी हुई है। इन कविताओं की रचना के समय कवि की आयु 27-28 वर्ष की थी, यानि स्वाभाविक है कि ये संग्रह यौवन के रस और ज्वार से भरपूर है। स्वयं बच्चन ने इन सबको एक साथ पढऩे का आग्रह किया है। कवि ने कहा है, 'आज मदिरा लाया हूं-जिसे पीकर भविष्यत् के भय भाग जाते हैं और भूतकाल के दुख दूर हो जाते हैं..., आज जीवन की मदिरा, जो हमें विवश होकर पीनी पड़ी है, कितनी कड़वी है। ले, पान कर और इस मद के उन्माद में अपने को, अपने दुख को, भूल जा।'
Urvashi Author: Ramdhari Singh Dinker
1961 में प्रकाशित इस काव्य नाटक में दिनकर ने उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नए अर्थ से जोडऩा चाहा है। इस कृति में पुरुरवा और उर्वशी अलग-अलग तरह की प्यास लेकर आये हैं। पुरुरवा धरती पुत्र हैं और उर्वशी देवलोक से उतरी हुई नारी है। पुरुरवा के भीतर देवत्य की तृष्णा और उर्वशी सहज निश्चित भाव से पृथ्वी का सुख भोगना चाहती है। उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है। कवि ने प्रेम की छवियों को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है। दिनकर की भाषा में हमेशा एक प्रत्यक्षता और सादगी दिखी है, परन्तु उर्वशी में भाषा की सादगी अलंकृति और आभिजात्य की चमक पहन कर आई है। आज के दौर में भी उतना ही प्रभावित करता है ये काव्य नाटक।
Dastavez, Author: Saadat Hasan Manto
सादत हसन मंटो एक कश्मीरी भारतीय थे और अपने जमाने के सर्वश्रेष्ठ कहानीकारों में से एक थे। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी को देखा था और अपने लेखन से उस दर्द को बखूबी अपनी कहानियों के जरिए बयां किया था। आदमी की बुनियादी समस्या पाषाण युग से मंटो और मंटो के पात्रों तक, एक ही रही है, कोई रौशनी, कोई रौशनी... रौशनी के लिए, नई रौशनी की खातिर, नित-नई रौशनी की तलाश में आदमी ने सदियों का सफर तय किया और आज भी सफर में है। इसी निरंतर और अधूरे सफर का एक पड़ाव मंटो है। मंटो की तलाश और खोज के हवाले से इस कोशिश का मुनासिब और सटीक नाम दस्तावेज के अलावा सोचा भी नहीं जा सकता। एक नई रौशनी दिखाती है दस्तावेज।
Pride and Prejudice, Author: Jane Austen
जेन ऑस्टेन का लिखा गया यह नॉवेल पहली बार 1813 में पब्लिश हुआ था। नॉवेल की स्टोरी बेस्ड है मेन कैरेक्टर एलिजाबेथ बेनेट पर ब्रिटिश रीजेंसी की एक सोसाइटी के तौर-तरीकों, परवरिश, मोरैलिटी, एजुकेशन और शादी के साथ डील करती है। 19वीं शताब्दी में सेट की गई इस कहानी में हमेशा ही मॉडर्न फैसिनेशन देखने को मिलता है और यही वजह है कि आज भी ये बुक सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बुक्स की लिस्ट में शामिल है। ये इंग्लिश लिटरेचर का सबसे पॉपुलर नॉवेल है। कई लिटरेरी स्कॉलर्स का भी इसे एप्रिसिएशन मिल चुका है। अब तक इस बुक के कई ड्रैमैटिक अडैप्टेशंस भी देखने को मिल चुके हैं। बुक लवर्स की पसंदीदा इस बुक को हर किसी को एक बार तो जरूर पढऩा चाहिए।
The Great Gatsby, Author: F Scott Fitzgerald
1925 में पब्लिश हुई इस नॉवेल के ऑथर हैं अमेरिकन राइटर एफ। स्कॉट फिट्जगेराल्ड। एक फिक्शनल टाउन वेस्ट एग में क्रिएट की गई ये स्टोरी एक यंग और मिस्टीरियस मिलियनेयर जे गैट्सबाय और खूबसूरत डेसी बुशनान को लेकर जे के पैशन और ऑबसेशन पर बेस्ड है। ये फिट्जगेराल्ड की सबसे इंपॉर्टेंट और पॉपुलर बुक्स में से एक है जिसमें आइडियलिज्म, चेंज को लेकर के रेजिस्टेंस को पोट्र्रे किया गया है। जब ये पहली बार पब्लिश हुई थी, तब इस बुक को मिक्स्ड रिव्यूज मिले थे। 1940 में फिट्जगेराल्ड की डेथ हो गई और उन्होंने भी ये मान लिया कि उनकी ये बुक फेल हो गई। लेकिन वल्र्ड वॉर 2 के दौरान ये रिवाइव हो गई और इसे अमेरिकन हाई स्कूल करिकुलम में भी जगह मिल गई।
Midnight’s Children, Author: Salman Rushdie
1981 में सलमान रश्दी की लिखी हुई ये बुक ब्रिटिश कोलोनियलिज्म से इंडिया के पार्टीशन और इंडिपेंडेंस के ट्रांसीजन पर बेस्ड है। बुक हिस्टॉरिकल इवेंट्स को लेकर सेट की गई है लेकिन हिस्टॉरिकल फिक्शन के साथ। इसे सलमान का मैजिकल क्रिएशन माना जाता है। इंग्लिश लिटरेचर में रश्दी की इस बुक को एक एक्जेंप्लेरी क्रिएशन माना जाता है। इस बुक ने 1981 में बुकर प्राइज और जेम्स टेट ब्लैक मेमोरियल प्राइज भी जीता था। इसके अलावा इसे 1993 में बुकर ऑफ बुकर्स प्राइज, बुकर प्राइज की 25वीं एनिवर्सरी के मौके पर मिला था। 2003 में इसे बीबीसी के सर्वे द बिग रीड में लिस्ट किया गया था और साथ ही पेंग्विन बुक्स द्वारा पब्लिश की गई 20वीं सेंचुरी की ग्रेट बुक्स की लिस्ट में भी शामिल किया गया।
Great Expectations, Author: Charles Dickens
ग्रेट एक्स्पेक्टैशन चाल्र्स डिकेंस का बहुत ही पॉपुलर नॉवेल है। इसे 250 से ज्यादा बार स्टेज और स्क्रीन के लिए चुना गया है। नॉवेल की कहानी आम तौर पर बचपन से शुरू होती है और एंड में मेन कैरेक्टर के अडल्ट होने पर खत्म हो जाती है। ग्रेट एक्स्पेक्टेशंस एक अनाथ पिप की कहानी है, जो उसकी लाइफ के बारे में लिखी गई है। पिप एक जेंटलमेन बनने की कोशिश कर रहा है। वैसे इस नॉवेल को डिकेंस की आधी-बायोग्राफी भी माना जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके ज्यादातर काम की तरह वे इस नॉवले में भी लाइफ और लोगों के एक्सपीरियंस को पोर्टे करते नजर आ रहे हैं। ग्रेट एक्स्पेक्टेशंस का मेन पोर्शन 1812 की क्रिसमस ईव से शुरू होता है, जब हीरो लगभग सात साल का है और यह 1840 की सर्दियों तक जाता है।
Stumbling on happiness, Author: Daniel Gilbert
डेनिएल गिलबर्ट की लिखी हुई स्टंबलिंग ऑन हैप्पिनेस एक नॉन-फिक्शनल बुक है। यह यूनाइटेड स्टेट्स और कनाडा में 2006 में पब्लिश हुई। न्यूयॉर्क टाइम्स की ये बेस्ट सेलर बुक 25 लैंग्वेजेस में ट्रांसलेट की जा चुकी है। अनुराग का कहना है कि इन दिनों वह इसी बुक को पढ़ रहे हैं। इस बुक में गिलबर्ट का खुशी को लेकर अपना परसेप्शन है। बुक में उन्होंने बताया है कि लोग खुश इसलिए रहते हैं क्योंकि वे अपने फ्यूचर को अच्छी तरह से इमैजिन नहीं करते। वो मानते हैं कि इमैजिन तीन तरह से फेल हो जाता है। बुक में गिलबर्ट का परसेप्शन है कि इमैजिनेशन के दौरान हम ये रियलाइज नहीं करते कि जब वैसा सच में होगा तो वो वैसा नहीं होगा जो हम सोच रहे हैं बल्कि अलग होगा।
मैं कुछ न कुछ पढ़ता रहता हूं। मुझे पढऩा अच्छा लगता है। शरत चंद्र चटोपाध्याय को तो हमने स्कूल में ही पढ़ लिया था। इन दिनों तो मैं ऐसी बुक्स को पढ़ता हूं जो मैं अपनी बेटी को भी पढऩे के लिए दे सकूं। इसलिए अब मेरा जो सिलेक्शन और कलेक्शन है, वो अपने लिए भी और मेरी बेटी के लिए भी है।
- अनुराग बसु
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