स्थापना हुई:
भारतीय रिज़र्व बैंक कार्यालय की स्थापना कोलकाता में हुई थी। 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार यह स्थापित हुई थी।
लोगो मैच करता:
कम लोगों को पता है कि भारतीय रिजर्व बैंक का लोगो ईस्ट इंडिया कंपनी से काफी हद तक मिलता-जुलता था। जिसके चलते इसके लोगों में बाद में बदलाव किया गया है।
महिला डिप्टी गर्वनर:
भारतीय रिजर्व बैंक की पहली महिला डिप्टी गर्वनर केजे उडेशी बनी थी। इन्होंने 2003 इस पद की जिम्मेदारी संभाली थी।
आरबीआई की एजेंट:
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र की सभी बैंक आरबीआई की एजेंट हैं। वहीं निजी की आईसीआईसीआई बैंक लि., एचडीएफसी बैंक लि. और एक्सिस बैंक लि. ही सक्रिय हैं।
5-10 हजार के नोट:
आज 5000 और 10000 के नोट उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन आरबीआई ने इन्हें छपवाया था। 1938, 1954 और 1978 में इन नोटों की छपाई कराई गई थी।
पाक और म्यांमार में:
आरबीआई पाकिस्तान और म्यांमार में भी सेंट्रल बैंक की भूमिका निभा चुका है। पाकिस्तान में 1948 और म्यांमार में 1947 में उसने वहां काम काज संभाला था।
हर 4 साल में गठन:
आरबीआई का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड के निर्देशन में होता है। भारतीय रिज़र्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड का गठन भारत सरकार हर 4 साल में करती है।
फाइनेंशियल ईयर अलग:
आरबीआई का फाइनेंशियल ईयर देश के फाइनेंशियल ईयर से अलग है। बैंक का 1 जुलाई से 30 जून की अवधि और भारत का 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का होता है।
नोटों की छपाई:
देश की करेंसी के मामले में सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक सिर्फ नोटों की छपाई करता है। जबकि सिक्कों को ढलाने का काम भारत सरकार के आधीन संचालित किया जाता है।
प्रमुख खाते रखता:
बैंकों का बैंक कहा जाने वाला भारतीय रिज़र्व बैंक अपने केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। यही से सारे कार्य करता है।
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