1- Android OS
साल 2007 में 'एप्पल आईफोन' की लॉन्च ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनीज को हरकत में ला दिया था। उन्हें जरूरत थी एक ऐसे मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम की जो 'आईओएस' से मुकाबला कर सके। 'एंड्रॉयड' को पहले कैमरों के ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम के तौर पर क्रिएट किया गया था पर साल 2005 में 'गूगल' ने इसे खरीदकर 2008 में मोबाइल 'ओएस' के तौर पर लॉन्च कर दिया। अपनी लॉन्च के बाद यह कई बड़े मोबाइल मैन्युफैक्चरर्स की पहली पसंद बन गया और इसका मार्केट शेयर 80 परसेंट के करीब पहुंच गया। एंड्रॉयड ने सस्ता फोन बनाने वाली कंपनी के लिए नए दरवाजे खोले, जिसके चलते लेटेस्ट टेक्नोलॉजी आम आदमी के हाथों तक पहुंच सकी।
2- Smartphones
बीते 10 सालों में सबसे बड़े बदलाव अगर किसी डिवाइस में नजर आए हैं तो वह हमारा फोन है, जो अब 'स्मार्ट' हो चुका है। आज हमारा फोन न सिर्फ हमारे के लिए एक कम्यूनिकेशन डिवाइस है बल्कि यह एंटरटेनमेंट से लेकर बैंकिंग जैसे कामों में भी मदद कर रहा है। कहना गलत नहीं होगा कि हमारे स्मार्टफोन्स अब हमारे लिए पोर्टेबल कम्प्यूटर बन गए हैं और दिन-ब-दिन इसकी केपेबिलिटीज बढ़ती जा रही हैं। आने वाले वक्त को देखकर लग रहा कि फोन ही हमारी पहचान होगा और यही हमारा बटुआ होगा।
3- iPhone
साल 2007 में पहली बार मार्केट में दस्तक देने वाले 'एप्पल आईफोन' ने मोबाइल फोन एक्सपीरियंस को पूरी तरह बदलकर रख दिया। इसकी एलिगेंट टच-स्क्रीन, ईजी यूजर इंटरफेस और बेहतरीन फीचर्स ने फोन डिजाइनिंग के नए स्टैंडड्र्स सेट करने का काम किया। इसके बाद जब कंपनी ने 2008 में अपना 'एप स्टोर' लॉन्च किया तो लोग वहां मौजूद एप्स का कलेक्शन देखकर हैरान रह गए। इसके कई साल बाद 'गूगल' अपना 'प्ले स्टोर' लॉन्च कर सका।
4- Apple iPad
'एप्पल' ने जब 2010 में 'आईपैड' लॉन्च किया था तो लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि क्या यह डिवाइस लैपटॉप को रिप्लेस कर पाएगी। रिजल्ट्स में यह डिवाइस कई मायनों में लैपटॉप्स का अल्टरनेट बनती नजर आई। ऐसा नहीं था कि मार्केट में इसके लिए कॉम्प्टिीशन नहीं था पर यह डिवाइस अपने सेगमेंट में सबसे पॉपुलर प्रॉडक्ट बनी रही। हालांकि, एंड्रॉयड ने टैब यूजर्स के मामले में 'आईओएस' को काफी पीछे छोड़ दिया। इसके पीछे की वजह थी इसका 'आईओएस' का सस्ता अल्टरनेटिव बनना। एप्पल अपने लेटेस्ट 'आईपैड प्रो' के जरिए कम्प्यूटर्स का रिप्लेसमेंट बनने की कोशिशों में लगा है।
5- Amazon Kindle
ई-बुक रीडर 'अमेजन किंडल' लॉन्च के वक्त अपनी तरह का अकेला प्रॉडक्ट नहीं था और न ही यह दिखने में बहुत एलिगेंट था पर उस वक्त मार्केट में सिर्फ 'सोनी रीडर' मौजूद था, जो काफी महंगा था और आम लोगों की पहुंच से दूर था। अमेजन ने काफी कम दामों पर अपना प्रॉडक्ट मार्केट में उतारा, जिसके चलते लोगों के हाथों में पूरी लाइब्रेरी आ गई और लोगों ने अपने पढऩे के शौक को टेक्नोलॉजी की मदद से जारी रखा। आप इस डिवाइस पर ऑनलाइन नॉवेल, न्यूजपेपर, मैग्जींस, बुक्स वगैरह पढ़ सकते हैं।
6- Wi-Fi hotspot
इस टेक्नोलॉजी के चलते ही आज हम अपने घर और ऑफिस के साथ-साथ एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, पिलक प्लेसेस, कॉफी शॉप, शॉपिंग मॉल जैसी जगहों पर भी इंटरनेट का इस्तेमाल कर पा रहे हैं। इसके लिए न तो किसी मॉडम की जरूर पड़ती है, न वायर की और हम आसानी से इंटरनेट एक्सेस करके
अपनी फाइल्स सेंड या रिसीव कर सकते हैं। इस टेक्नोलॉजी के चलते हम 'मोबाइल सोसाइटी' बनने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं।
7- Virtual reality headset
वर्चुअल रियलिटी का मतलब है असली-सा लगने वाला वह एक्सपीरियंस जो असल में मौजूद नहीं है। अगर आप लंदन शहर देखना चाहते हैं तो 'वीआर हेडसेट' के जरिए तस्वीर आपकी आंखों के सामने ऐसे आती है जैसे आप उसी जगह पर खड़े हैं। गेमिंग में इस्तेमाल होने वाले 'वीआर हेडसेट्स' के साथ हाथ में पकड़े जा सकने वाली 'जॉयस्टिक' भी होती हैै। लोकल नेटवर्क के जरिए भेजा गया वीडियो आप 'वीआर हेडसेट' पर डायरेक्ट देख सकते हैं। पर इसका ज्यादातर यूज मोबाइल फोन के साथ किया जाता है। 2010 में आई यह टेक्नोलॉजी अब काफी पॉपुलर हो चुकी है।
8- Online gaming services
कुछ साल पहले का दौर याद करें तो अपने फ्रेंड्स के साथ वीडियो गेम्स खेलते वक्त हमें उनके साथ एक ही जगह पर बैठना पड़ता था और एक ही कंसोल शेयर करना होता था। पर बीते कुछ सालों में सामने आए ऑनलाइन गेमिंग के कॉन्सेप्ट ने गेमिंग एक्सपीरियंस को बदलकर रख दिया है। अब आप इंटरनेट सपोर्ट करने
वाली अपनी डिवाइस से कहीं पर भी रहते हुए दुनिया के किसी दूसरे कोने में बैठे इंसान के साथ वीडियो गेम्स खेल सकते हैं। यंगस्टर्स के बीच ऑनलाइन वीडियो गेमिंग बेहद पॉपुलर है।
9- Tinder
पिछले 10 सालों में वैसे तो कई सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स ने अपनी छाप छोड़ी है जिसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे प्लैटफॉम्र्स शामिल थे पर 2012 में लॉन्च हुई डेटिंग एप 'टिंडर' ने जो पॉपुलैरिटी हासिल की वह अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं थी। इस एप ने ऑनलाइन डेटिंग के तरीके को पूरी तरह बदलकर रख दिया। इस एप की यूनीकनेस ही थी जिसकी वजह से लोगों ने इसे इतना पसंद किया कि आज इस एप पर करोड़ों लोग रजिस्टर्ड हैं।
10- 4G service
इंडिया में 4जी सर्विस की एंट्री भले ही कई कंट्रीज के बाद हुई हो पर इस बात में कोई शक नहीं है कि यह बीते कुछ सालों में हुए सबसे शानदार इनोवेशंस में से एक है। इस सर्विस ने डाटा कैपेसिटी, आईपी टेलीफोनी, ऑनलाइन गेमिंग, एचडी मोबाइल टीवी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और क्लाउड कम्प्यूटिंग को आसान बना दिया है। इंडिया में भले ही यह सर्विस अभी अपने शुरुआती दौर में हो पर एक बात तय है कि आने वाले वक्त में इसका इम्पैक्ट साफ नजर आएगा।
हाईलाइट्स
ये बीते 10 सालों में टेक्नोलॉजी वल्र्ड में आई 'क्रांति' का ही नतीजा है कि हमारा फोन अब 'स्मार्टफोन' बन चुका है, जो इंटरनेट 10 साल पहले तक सिर्फ सायबर कैफे या कुछ लिमिटेड जगहों पर ही मिला करता था वह अब लोगों के साथ 24 घंटे मौजूद रहता है। 10 साल पहले जो हमने सोचा भी नहीं था वह आज हमारे सामने है, आने वाले 10 सालों में होने वाले बदलाव भी चौंका देने वाले होंगे, इसकी पूरी गारंटी है।
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