1. भारत और चीन ने मिलकर 2001 में पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था को टक्कर देने के लिए एक समूह बनाने की सोची। इसमें उनका साथ देने ब्राजील और रूस भी साथ आ गए। फिर स्थापना हुई BRICs की। शुरुआत में इसमें सिर्फ चार देश (भारत, चीन, रूस और ब्राजील) ही शामिल थे। इनका पहला सम्मेलन 2009 में हुआ। ठीक दो साल बाद 2011 में साउथ अफ्रीका भी इस समूह से जुड़ गया। फिर इसका नाम BRICS रख दिया गया। अब इस समूह में सिर्फ पांच देश हैं।
2. ब्रिक्स समूह को जी-7 समूह का प्रतिद्वंदी माना जाता है। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस जैसे ताकतवर देश शामिल हैं। हालांकि ब्रिक्स के मुकाबले जी-7 की हालात थोड़ी नाजुक हो गई है। इस ग्रुप में शामिल देशों में बेरोजगारी बढ़ी है जबकि ब्रिक्स समूह फिलहाल अभी तक अच्छी स्थिति में है।
3. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में हर पांच में से दो व्यक्ित ब्रिक्स देश के रहने वाले हैं। यानी कि ब्रिक्स में शामिल सभी पांच देशों की कुल आबादी करीब 3 बिलियन है जबकि पूरी दुनिया की आबादी 7 बिलियन है।
4. दुनिया के कुल भू-भाग के 25 परसेंट हिस्से में ब्रिक्स देश फैले हैं। यानी कि भारत, चीन, रूस, ब्राजील, साउथ अफ्रीका का क्षेत्रफल पूरी दुनिया का एक-चौथाई है।
5. दुनिया की कुल जीडीपी का 30 परसेंट हिस्सा ब्रिक्स देशों से आता है। उम्मीद है कि साल 2030 तक यह जी-7 समूह के बराबर पहुंच जाएगा। वहीं 2050 तक यह जी-7 देशों की कुल जीडीपी का दोगुना हो जाएगा।
6. ब्रिक्स देश में शामिल सभी पांच देश एक-दूसरे की संप्रभुता का ख्याल रखते हैं। ये सभी आपस में एक-दूसरे की बेहतरी और बराबरी के लिए तत्पर रहते हैं।
7. दुनिया के करीब 50 परसेंट कामगर ब्रिक्स देशों से आते हैं।
8. ब्रिक्स में शामिल सभी देश भले ही एक ग्रुप में शामिल हैं। लेकिन उनकी संस्कृति, साक्षरता, इंटरनेट यूजेज और अन्य कई मामलों में उनमें काफी विभिन्नताएं हैं।
9. भविष्य में ब्रिक्स में कुछ और देश भी शामिल हो सकते हैं। जिसमें अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, इंडोनेशिया, मैक्िसको, टर्की, ईजिप्ट, ईरान, नाइजीरिया, सूडान, बांग्लादेश और ग्रीस जुड़ने के लिए बेताब हैं।
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