(1) 16 अप्रैल, 1853 को चली थी पहली रेल
इंडियन रेलवे के लिये 16 अप्रैल, 1853 का दिन काफी ऐतिहासिक माना जाता है. यह वो दिन था, जब बांबे से थाणे के बीच पहली रेल चली थी. फिलहाल वह समय तो गुजर गया, लेकिन इन 62 सालों में इंडियन रेलवे ने काफी तरक्की कर ली. इंडियन रेल ने देश की जनता को कई तोहफे दिये हैं, जिसमें नई ट्रेनों का संचालन भी शामिल है. अब ऐसे में इस बार के रेल बजट में जनता को नई ट्रेनों की उम्मीदें तो होंगी.
(2) इंडियन रेलवे का मस्कट 'भोलू' है बहुत भोला
भारत सरकार ने इंडियन रेलवे की पहचान के लिये एक हाथी को मस्कट बनाया है, जो कि गार्ड के वेष में है. इस मस्कट का नाम भोलू है. अब यहां यह देखना जरूरी है कि जिस रेल नेटवर्क में हाथी जैसे दमदार जानवर को मस्कट बनाया गया है, वहीं पर सिक्योरिटी में कई सारी कमियां हैं. ट्रेनों में लूट, डकैती, हत्या और रेप की घटनायें हमें अक्सर सुनने को मिलती हैं. अब ऐसे में इस बार के बजट में ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर सरकार को कुछ न कुछ कदम उठाने होंगे.
(3) मध्य-रेखा से डेढ़ गुनी है इंडियन रेलवे ट्रैक की लंबाई
इंडिया में अगर पूरे रेलवे ट्रैक की लंबाई नाप लें, तो यह मध्य-रेखा का डेढ़ गुना है. अब ऐसे में इतने बड़े नेटवर्क होने के बावजूद ऐसी कई जगहें हैं जहां पर आज भी रेलवे लाइन नहीं बिछी हैं. जिसके कारण आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इस बार के रेल बजट में आम जनता को नई रेल लाइन की उम्मीद तो जरूर होगी.
(4) पहला रेलवे ट्रैक दो भारतीयों द्वारा बनाया गया था
इंडिया में सबसे पहला रेलवे ट्रैक Jaganath Shunkerseth और Jamsetjee Jeejeebhoy द्वारा बनाया गया था. इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता गया तो रेलवे का विस्तार भी होता गया. लेकिन आपको याद होगा कि कुछ सालों पहले रेलवे लाइन के लिये आवंटित जगहों की नीलामी कर दी गई थी. अब ऐसे में इंडियन रेलवे को खाली पड़ी जगहों पर अपनी नई-नई योजनाओं की शुरुआत करनी चाहिये.
(5) इंडिया की सबसे धीरे चलने वाली ट्रेन है Metupalayam Ooty Nilgiri पैसेंजर ट्रेन. जिसकी स्पीड है सिर्फ 10 kmph
ऊटी में चलने वाली यह ट्रेन सबसे स्लो मानी जाती है, जोकि 10 kmph पर चलती है. हालांकि यह तो सिर्फ एक रिकॉर्ड है लेकिन देश में आमतौर पर सभी ट्रेनें लेट लतीफी से ही चलती हैं. ट्रेनों में सफर करने वाली आम जनता ट्रेनों की देरी से बहुत परेशान हो चुकी है. अब ऐसे में रेल मंत्री को इस मुद्दे को गंभीरता से समझना होगा, ताकि ट्रेनों की आवाजाही में होने वाली देरी लोगों को प्रभावित न करे.
(6) 16 लाख कर्मचारियों के साथ इंडियन रेलवे दुनिया का 9वां सबसे ज्यादा कर्मचारियों वाला नेटवर्क है.
इंडियन रेलवे में जॉब को लेकर युवाओं में काफी क्रेज दिखता है. अब ऐसे में रेल बजट में मंत्रालय की ओर से बंपर भर्तियां निकालनी चाहिये. जिससे कि देश में बेरोजगारी की समस्या भी कम होगी, वहीं नये कर्मचारी आकर अपने-अपने टैलेंट से रेलवे को नई ऊंचाई तक पहुंचा सकते हैं.
(7) इंडियन रेलवे पर पूरी तरह से सरकार का अधिकार है
इंडियन रेलवे पूरी तरह से सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है, जिसके लिये रेलवे मंत्रालय कार्य करता है. हालांकि मोदी सरकार ने रेलवे के प्राइवेटाइजेशन करने का प्लॉन तैयार कर लिया है. अब ऐसे में सभी रेलवे कर्मचारियों के मन में संदेह के बादल मंडराने लगे हैं. वहीं अबकी बार का रेल बजट प्राइवेटाइजेशन को लेकर क्या नियम बनाता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
(8) 1986 में नई दिल्ली में कंम्यूटर से हुआ था पहला रिजर्वेशन
भारतीय ट्रेनों में सबसे बड़ी समस्या रिजर्वेशन को लेकर भी है. इसके तहत मंत्रालय ने कई नियम बनाये हैं लेकिन यह सिर्फ दिखावा ही रह गये हैं. इस रिजर्वेशन में बिचौलियों का खेल इतना बढ़ गया है कि जरूरतमंदो के लिये रिजर्वेशन कराना बहुत ही कठिन है. अब ऐसे में आम जनता को उम्मीद होगी कि, रेल मंत्री इसको लेकर कुछ कडे नियम कानून बनाये.
(9) सबसे ज्यादा लेट चलती है Guwahati-Trivandrum Express
इंडियन रेलवे का नेटवर्क तो बहुत बड़ा है ही, साथ ही रेलवे लाइन पर ट्रेनें लगातार दौड़ भी लगाती रहती हैं. लेकिन इन सब के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है कि ट्रेनें अपने निर्धारित समय से पीछे चलने लगती हैं. ऐसे में Guwahati-Trivandrum Express प्रतिदिन 10-12 घंटे लेट चलती है. रेल बजट में इस बार ट्रेनों के निश्चित समय पर पहुंचने पर जोर देना चाहिये.
(10) साफ-सफाई है बड़ी समस्या
इंडियन ट्रेनों में साफ-सफाई सबसे बड़ी समस्या है. ट्रेनों में टॉयलेट की उचित व्यवस्था की कमी के चलते रेलवे लाइनों पर गंदगी की भरमार लगी रहती है. रेल बजट में इस बार ट्रेनों और रेलवे लाइनों की साफ-सफाई को लेकर कुछ प्रयास जरूर करने चाहिये.
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